Friday, December 11, 2015

सूरज की रोशनी से चलती है सैयद की यह कार, एक लाख किलोमीटर चल भी चुकी

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सौर ऊर्जा से चलने वाली अपनी कार के साथ सैयद सज्‍जन अहमद
नई दिल्ली| एक इंसान जिन्‍होंने 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ दी। फल बेचने का काम किया। जिंदगी जीने के लिए तरह-तरह की कोशिशें की। आज वह देश भर में अचानक चर्चा में आ गए हैं। सफलता और कामयाबी की नई कहानी लिख दी है। इनका नाम है सैयद सज्‍जन अहमद। इन्‍होंने खुद ही सौर ऊर्जा से चलने वाली कार तैयार कर डाली। इसी सौर ऊर्जा कार से बैंगलुरु से 3000 किलोमीटर की यात्रा 30 दिन में पूरी करते हुए दिल्‍ली पहुंच गए। यहां अंतरराष्‍टृीय भारत विज्ञान मेले में जब वह पहुंचे तो वहां मौजूद हर शख्‍स की जुबान पर 63 साल के सैयद सज्‍जन अहमद का नाम छा गया।
जान लीजिए सैयद सज्‍जन अहमद को
बेंगलुरू से 70 किलोमीटर दूर कोलार में जन्मे सज्जन ने 12वीं में पढ़ाई छोड़ दी। सज्जन ने बताया कि उन्होंने अपना करियर फल बेचने वाले के रूप में शुरू किया और बाद में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत की एक दुकान खोल ली। अपनी दुकान पर सज्जन ने ट्रांजिस्टर, टेप रिकॉर्डर और टेलीविजन तथा डिश एंटीना की मरम्मत शुरू की। धीरे-धीरे वह कम्प्यूटरों की भी मरम्मत करने लगे। सज्जन ने कहा, “मुझे 15 वर्ष की अवस्था में स्कूल छोड़ना पड़ा। लेकिन समाज के लिए कुछ अच्छा करने की इच्छा मेरे मन में बनी रही।”
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अब तक एक लाख किलोमीटर से ज्‍यादा की यात्रा इस कार से तय कर चुके हैं सैयद
आखिरकार तय कर लिया कुछ नया करने के बारे में 
सज्जन ने आखिरकार 2002 में कुछ नया करने की ठान ली। उन्होंने कहा, “मैंने खुद से कहा कि अब मैं 50 वर्ष का हो चुका हूं और असहाय होने से पहले मुझे कुछ न कुछ जरूर करना चाहिए।” सज्जन ने इसके बाद एक दोपहिया वाहन को इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहन में तब्दील करना शुरू किया, जिसे बाद में उन्होंने तिपहिया वाहन और फिर अंत में कार के रूप में विकसित किया। सज्जन को उनकी इस नई खोज के लिए कर्नाटक सरकार की ओर से पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की स्मृति में स्थापित पर्यावरण संरक्षण के लिए दिए जाने वाले सम्मान से सम्मानित किया गया।
इनसे तैयार हुई ये सौर ऊर्जा कार
सज्जन ने बताया कि उनकी इस स्वनिर्मित कार में पांच सौर पैनल लगाए गए हैं और प्रत्येक सोलर पैनल की क्षमता 100 वाट है। इन सोलर पैनल से बनने वाली ऊर्जा से चार्ज होने वाले छह बैटरियां मशीन को संचालित करती हैं। प्रत्येक बैटरी की क्षमता 12 वोल्ट और 100 एम्पियर है।
कार ने की हर बाधा पार
उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनकी बनाई कार 3,000 किलोमीटर का सफर तय करने में सफल रही। उन्होंने बेंगलुरू से दिल्ली तक के सफर के बारे में बताया, “कई बार ऐसा लगा कि मेरी कार घाट मार्ग की तीखी चढ़ाई नहीं चढ़ पाएगी। लेकिन इसने राह में पड़ने वाली सारी बाधाएं पार कर लीं वह भी बिना किसी खास परेशानी के।” सज्जन ने बताया कि वह अब तक अपनी इस कार से पूरे देश में 1.1 लाख किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं, हालांकि साथ में एक अन्य सामान्य कार में उनके चचेरे भाई सलीम पाशा भी चलते रहे।

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