Friday, August 16, 2013

PULKIT GAUR..... The Robotic Man of India


"Ek Sachcha Bhartiya .........................."  रोबोट के लिए गूगल का ऑफर ठुकराया.....................तय किया, अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए काम नहीं करना। अपने देश के लिए काम करके इसे दुनिया में नई पहचान देनी है।...................................  पुलकित गौड़ उम्र: 32 साल स्कूलिंग : केंद्रीय विद्यालय जोधपुर एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल ब्रांच में बीटेक डिग्री प्रोफेशन : ग्रिडबोट्स डॉट कंपनी के संस्थापक उपलब्धि : रोबोटिक्स का प्रमोशन। पिता : दिनेश कुमार गौड़, आईबी से रिटायर एडिशनल डायरेक्टर मां : आंगनबाड़ी महिला एवं बाल विकास में सुपरवाइजर।   रोबोट बनाने का जुनून ही था कि कैलिफोर्निया की मेडिटैब कंपनी की 16 लाख रुपए सालाना की नौकरी छोड़ी। रोबोटिक्स प्रोजेक्ट्स पर खुद के ब्लॉग लिखने पर 2006 में गूगल कंपनी ने 45 लाख सालाना का ऑफर दिया। तय किया, अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए काम नहीं करना। अपने देश के लिए काम करके इसे दुनिया में नई पहचान देनी है। 2007 में ग्रिडबोट्स डॉट कॉम कंपनी खोली। 2008 में टंकी साफ करने वाला रोबोट बनाया। यह रोबोट टंकी को खाली किए बिना ही उसकी गंदगी को निकाल देता है। यह रोबोट बनाने के लिए मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने उन्हें इंडिया के टॉप-18 इनोवेटर में शामिल किया। हाल ही में उनकी कंपनी ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के लिए रोबोट तैयार किया है। न्यूक्लियर प्लांट्स के लिए बनाया गया यह रोबोट 100 मीटर की दूरी से मेटेरियल को स्टील के डिब्बों में बंद कर देता है।










पुलकित गौड़
उम्र: 32 साल
स्कूलिंग : केंद्रीय विद्यालय जोधपुर
एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल ब्रांच में बीटेक डिग्री
प्रोफेशन : ग्रिडबोट्स डॉट कंपनी के संस्थापक
उपलब्धि : रोबोटिक्स का प्रमोशन।
पिता : दिनेश कुमार गौड़, आईबी से रिटायर एडिशनल डायरेक्टर
मां : आंगनबाड़ी महिला एवं बाल विकास में सुपरवाइजर।

रोबोट बनाने का जुनून ही था कि कैलिफोर्निया की मेडिटैब कंपनी की 16 लाख रुपए सालाना की नौकरी छोड़ी। रोबोटिक्स प्रोजेक्ट्स पर खुद के ब्लॉग लिखने पर 2006 में गूगल कंपनी ने 45 लाख सालाना का ऑफर दिया। तय किया, अमेरिका या किसी अन्य देश के लिए काम नहीं करना। अपने देश के लिए काम करके इसे दुनिया में नई पहचान देनी है। 2007 में ग्रिडबोट्स डॉट कॉम कंपनी खोली। 2008 में टंकी साफ करने वाला रोबोट बनाया। यह रोबोट टंकी को खाली किए बिना ही उसकी गंदगी को निकाल देता है। यह रोबोट बनाने के लिए मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) ने उन्हें इंडिया के टॉप-18 इनोवेटर में शामिल किया। हाल ही में उनकी कंपनी ने भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के लिए रोबोट तैयार किया है। न्यूक्लियर प्लांट्स के लिए बनाया गया यह रोबोट 100 मीटर की दूरी से मेटेरियल को स्टील के डिब्बों में बंद कर देता है।

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