Monday, November 30, 2015

कानपूर की नूरजहां जिन्होंने जीता पीएम मोदी का दिल

आपने ये तो सुना ही होगा कि नेक सोच और अच्छी नीयत वाले लोगों को दुनिया सलाम करती है और ऐसे लोगों को हज़ारों लोगों की दुआएँ भी मिलती हैं। ऐसी ही नेक सोच रखने वाली नूरजहां जी हैं जो कानपूर देहात के शिवली गांव में रहती हैं। इन्होंने आम लोगों के साथ-साथ पीएम मोदी का भी दिल जीत लिया है। नूरजहां जी ने अपने घर में सोलर प्लांट लगाए हैं और करीब 50 घरों को बिजली देकर उनके घरों को रोशन करती हैं। नूरजहां जी 55 वर्ष की हैं और तीन साल पहले श्रमिक भारती संस्था के सहयोग से अपने घर के बाहरी कमरे में छोटा सोलर प्लांट लगाया, जिसके पाँच पैनल घर की छत पर लगाए गए हैं। वह इसी सोलर प्लांट से सौर लैंप चार्ज करके आसपास के पाँच गाँवों के 50 घरों में उजाला करती हैं।
29 नवंबर,2015 को रविवार के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनके रेडियो कार्यक्रममन की बातमें नूरजहां जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि गांव में उनके द्वारा किराये पर सौर लैंपों का दिया जाना अब उन लोगों के जि़ंदगी के जीने का तरीका बन गया है। कुछ आम लोगों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कुछ लोग उर्जा दक्षता और उर्जा संरक्षण की दिक्षा में अपने तरीके से योगदान दे रहें, इसी प्रकार नूरजहां जी ज्यादा शिक्षित नहीं हैं और ही वह अपने बच्चों को ज्यादा पढा़ पाई हैं लेकिन फिर भी उन्होंने अपने घर में एक सोलर प्लांट लगाया है। मोदी जी ने बताया कि उनके 5 बेटे और 1 बेटी है। चार बेटे किसी के खेत में मज़दूर हैं जबकि एक बेटे इशाक की गांव में नाई की दुकान है। बेटी की शादी हो गई है और नूरजहां जी अपने 5 बेटों, 4 बहुओं और 8 पोता-पोतियों के साथ कच्चे घर में रहती है।
इस पर नूरजहां जी ने कहा कि उन्हें इस बातत की बेहद खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनकी प्रशंसा की और उनके द्वारा अपने बारे में प्रशंसा भरे शब्द सुनना उनके लिए एक सुखद आशचर्य के रूप में है।
नूरजहांजी बताती हैं कि करीब 25 वर्ष पहले उनके पति सज़ादी अली की मृत्यु हो गई थी। तब उन्होंने मज़दूरी का काम किया जिसके लिए उन्हें 10 रूपये प्रतिदिन प्राप्त होते थे तब वह अपने बच्चों को चटनी और सूखी रोटी खिलाकर कर ही उनका पेट भरती थी। नूरजहां जी बताती हैं कि जब उनके पति की मृत्यु हुई तो वह सोचती थी कि वह किस प्रकार अपने छोटे-छोटे बच्चों को किस प्रकार पालेंगी क्योंकि उनके पास कोई ज़मीन भी नहीं थी।
उन्होंने बताया कि उन्होंने यह सोलर प्लांट लगवाया तो प्रारंभ में वह इन सोलर लालटेनों का इस्तेमाल स्वयं अपने घर के लिए करती थीं। लेकिन जब उन्होंने सौर लैंपों को किराये पर देना शुरू किया तो संस्था ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उन्हें और लालटेन दे दिये। आज नूरजहां जी के पास 50 सोलर लालटेन हैं और संस्था ने  उन्हें 5 सोलर पलेट भी दी हैं।
नूरजहांबताती हैं कि उनके आसपास के गांवों में शाम को बिजली मिलना बड़ा मुश्किल होता है। इसलिए वह 50 घरों में इन्हीं सोलर लालटेन से उजाला फैलाती हैं। सुबह लोग यहां लालटेन लगा जाते हैं और शाम को अपने घर ले जाते हैं। इसके बदले वह 100 रुपये महीना लेती हैं। एक बार लालटेन चार्ज होने पर 6-7 घंटे तक रोशनी देती है। उन्होंने बताया कि उनका जीवन बेहद गरीबी में गुजरा है। वह अपना जीवन समाज की सेवा में गुजारना चाहती हैं। नूरजहां का कहना है कि साधन-संसाधन मिलें तो वह हजारों घरों में इसी तरह की रोशनी फैलाना चाहती हैं। श्रमिक भारती संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनके काम तारीफ की है, जो हमारे और पूरे गांव के लिए सम्मान की बात है।
भाजपा कानपुर नगर के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी और तमाम भाजपाई उनके घर पहुंचे और नूरजहां को शाॅल नरेंद्र मोदी के फोटो वाली घड़ी भेंट देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि वह नूरजहां की बदहाली दूर करने के लिए प्रयास करेंगे तथा उनके हर काम में संभव मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। नूरजहां जी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रशंसा से उन्हें कुछ वित्तीय सहायता प्राप्त हुई तो वे इन 50 सोलर लालटेनों की संख्या बढ़ाकर100 कर देंगी। नूरजहां जी का कहना है कि उनके गांव में रात को ज्यादा बिजली नहीं आती और इसलिए सोलर लैंप की मांग अधिक से अधिक बढ़ रही है और इसलिए लोग अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए रात के दौरान इस सोलर लैंपों को सुनिश्चित करवाना चाहते हैं।

No comments:

Post a Comment