इस साधारण से दिखने वाले चेहरे को नजरअंदाज़ करने जा रहे हैं तो जरा दो मिनट रुकिए और इस साधारण चेहरे के पीछे छूपे इस असाधारण व्यक्ति के बारे में जरा जान लीजिये !
इनका नाम है उमेश वर्मा,पटना के महेन्द्रू के रहने वाले हैं,मोतिहारी के महारानी जानकी कुंवर कन्या उच्च विद्यालय में विज्ञान शिक्षक हैं,इन्होने एक खास कैलकुलेशन के जरिये एक नायाब खोज की है, ऐसी खोज जिसके बारे में दुनिया के किसी व्यक्ति ने सोचा तक नहीं! इन्होंने विमानों के उड़ान हेतु सहायता करने वाली डाटा उपलब्ध कराने वाली संस्था से प्राप्त कुछ डाटा व इससे सम्बंधित गणितीय कैलकुलेशन से भूकंप के पूर्वानुमान की एकदम सटीक जानकारी प्राप्त करने का दावा किया है.
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अब तक करीब एक दर्जन विश्व भर में आये भूकम्पो का एकदम सटीक पूर्वानुमान कर घोषणा कर चुके हैं, कई देशों से बुलावा पर बुलावा आ रहा हैं, लेकिन देशभक्ति का पागलपन इन्हें इस तरकीब को किसी अन्य देश के साथ साझा करने से रोक रहा है, इन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्नोवेटिव कौंसिल का सदस्य बनाया है,जिसकी वजह से इन्हें यदा कदा पटना बुलाया जाता है लेकिन प्रतिभा के धनी इस व्यक्ति की प्रतिभा को उचित सम्मान व सहायता की आवश्यकता है,जिसकी बदौलत ये भूकंप से होने वाली अरबो रुपये की क्षति को अपने पूर्वानुमान की वजह से कम कर सकें, लेकिन रुकिए इनकी प्रतिभा सिर्फ पूर्वानुमान तक ही सिमित नहीं है,इन्होने भूकंप से फायदा उठाने की भी तरकीब विकसित की है, इनके मुताबिक़ एक बार के भूकंप से 200 मेगावाट तक की बिजली बड़े आराम से पैदा की जा सकती है.
इनका नाम है उमेश वर्मा,पटना के महेन्द्रू के रहने वाले हैं,मोतिहारी के महारानी जानकी कुंवर कन्या उच्च विद्यालय में विज्ञान शिक्षक हैं,इन्होने एक खास कैलकुलेशन के जरिये एक नायाब खोज की है, ऐसी खोज जिसके बारे में दुनिया के किसी व्यक्ति ने सोचा तक नहीं! इन्होंने विमानों के उड़ान हेतु सहायता करने वाली डाटा उपलब्ध कराने वाली संस्था से प्राप्त कुछ डाटा व इससे सम्बंधित गणितीय कैलकुलेशन से भूकंप के पूर्वानुमान की एकदम सटीक जानकारी प्राप्त करने का दावा किया है.
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अब तक करीब एक दर्जन विश्व भर में आये भूकम्पो का एकदम सटीक पूर्वानुमान कर घोषणा कर चुके हैं, कई देशों से बुलावा पर बुलावा आ रहा हैं, लेकिन देशभक्ति का पागलपन इन्हें इस तरकीब को किसी अन्य देश के साथ साझा करने से रोक रहा है, इन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन्नोवेटिव कौंसिल का सदस्य बनाया है,जिसकी वजह से इन्हें यदा कदा पटना बुलाया जाता है लेकिन प्रतिभा के धनी इस व्यक्ति की प्रतिभा को उचित सम्मान व सहायता की आवश्यकता है,जिसकी बदौलत ये भूकंप से होने वाली अरबो रुपये की क्षति को अपने पूर्वानुमान की वजह से कम कर सकें, लेकिन रुकिए इनकी प्रतिभा सिर्फ पूर्वानुमान तक ही सिमित नहीं है,इन्होने भूकंप से फायदा उठाने की भी तरकीब विकसित की है, इनके मुताबिक़ एक बार के भूकंप से 200 मेगावाट तक की बिजली बड़े आराम से पैदा की जा सकती है.
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