अमृतसर. जूट की रस्सी से बुनी इस चारपाई की लंबाई बीस फुट और चौड़ाई सोलह फुट है। इस पर पचास लोग आराम से बैठ जाते हैं। प्रजापत कुम्हार बिरादरी ने इस अनमोल धरोहर को सात दशकों से सहेज कर रखा है। इसे आप शहर के बीचोबीच स्थित पुराने टेलीफोन एक्सचेंज के पास रूढ़ सिंह की हवेली के सामने देख सकते हैं। जगवीर सिंह कहते हैं कि यह विशाल चारपाई हमारे बुजुर्गों की निशानी है। इस पर बैठ कर ताश खेलने, शराब, तंबाकू या बीड़ी-सिगरेट पीने की सख्त मनाही है।
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